कौन होगा देश का अगला प्रधानमंत्री?

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव आने में करीब एक साल से ज्यादा का वक्त है लेकिन हमारे देश के नेता अभी से ही चुनाव की चर्चा करने में लग गए हैं। प्रधानमंत्री पद की रेस में इतने दावेदार सामने आ चुके हैं कि ये पता ही नहीं चर पा रहा कि 2014 में देश का प्रधानमंत्री कौन होगा। एक ओर भाजपा में आडवाणी और मोदी प्रधानमंत्री पद की रेस में हैं तो दूसरी ओर कांग्रेस में वर्तमान प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, राहुल गांधी सहित अब पी चिदंबरम का भी नाम सामने आया है।

भाजपा में कौन कौन हैं प्रधानमंत्री पद की रेस में

नरेंद्र मोदी: गुजरात के विकास के बाद देश के विकास की बात करने वाले गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी तो पहले से ही प्रधानमंत्री बनने की होड़ में लगे हैं। इस कोई शक नहीं है कि विकास के मुद्दों को उठाकर मोदी दिल्ली की गद्दी पर विराजमान होना चाहते हैं। भाजपा में पीएम पद के लिए मोदी का रास्ता तब और साफ हो गया जब राजनाथ सिंह ने उनको भाजपा में संसदीय बोर्ड का सदस्य बना दिया।

हालांकि भाजपा में भी कई नेता मोदी को पीएम पद के लिए स्वीकार कर चुके हैं लेकिन कई नेता अभी भी मोदी के विरोध में हैं। मोदी की कार्यशैली और विकास के मुद्दों ने उनको आगे पहुंचाया है लेकिन एक ओर मोदी को गोधरा कांड को लेकर हमेशा झुकना पड़ता है। जनता के मन में भी मोदी के लिए कहीं न कहीं गोधरा कांड को लेकर एक असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

लालकृष्ण आडवाणी: पहले भी भाजपा से प्रधानमंत्री पद का चुनाव लड़ चुके आडवाणी का नाम आज दिल्ली में फिर उछाला गया। भाजपा के स्थापना दिवस में दिल्ली के अध्यक्ष विजय गोयल ने आडवाणी के नाम की चर्चा की। स्थापना दिवस के कार्यक्रम के दौरान भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे।

भाजपा में पीएम पद को लेकर बड़ी चुनौती ये है कि मोदी और आडवाणी में से कौन दावेदारी करेगा। आडवाणी भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं और पहले भी पीएम पद का चुनाव लड़ चुके हैं। वहीं मोदी का चेहरा इस समय चमका हुआ है। युवा भी मोदी को काफी पसंद करते हैं। तो भाजपा मोदी को ही पीएम पद का दावेदार बनाएगी.. ये एक बड़ा सवाल है।

कांग्रेस में कौन कौन हैं प्रधानमंत्री पद की रेस में

डॉ मनमोहन सिंह: देश के वर्तमान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर कांग्रेस एक बार फिर दांव खेल सकती है। हाल में कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि मनमोहन और सोनिया की जोड़ी देश के विकास के लिए बेहद जरूरी है। उन्होंने सत्ता के दो केंद्र की ओर इशारा किया। जिसको लेकर दिग्विजय सिंह ने विरोध किया और कहा कि सत्ता के दो केंद्र कभी नहीं हो सकते।

कांग्रेस के इन बयानों को लेकर लगता है कि कांग्रेस से प्रधानमंत्री पद का अगला दावेदार भी मनमोहन सिंह ही रहेंगे। सोनिया गांधी के खास और बड़े अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह ने देश की अर्थव्यवस्था को अपने कार्यकाल में काफी सही करने की कोशिश की। लेकिन घोटालों के दाग ने सिंह की कार्यशैली को धूमिल कर दिया।

राहुल गांधी: जहां एक ओर मनमोहन सिंह को कई कांग्रेसी पसंद करते हैं वहीं दूसरी ओर कांग्रेस युवराज और उपाध्यक्ष राहुल गांधी का भी कई वरिष्ठ कांग्रेस के नाताओं ने पीएम पद के लिए समर्थन दिया है। कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह तक राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद की दावेदारी के लिए आगे आ चुके हैं।

राहुल गांधी युवाओं का चेहरा बन चुके हैं और कांग्रेस में अपनी युवा टीम के साथ जोरों से काम कर रहे हैं। तो ऐसे में क्या कांग्रेस राहुल को प्रधानमंत्री पद के लिए उतारेगी? भ्रष्टाचार और महंगाई से तंग आ चुकी जनता क्या राहुल गांधी को प्रधानमंत्री के रूप में अपनाएगी? वहीं एक ओर राहुल की कमजोरी उन्हें पीएम पद की रेस से पीछा खींच लेता है वो है उनका राजनीतिक अनुभव।

पी चिदंबरम: हाल में एक विदेशी अखबार में वित्त मंत्री पी चिदंबरम का जिक्र हुआ जिसके बाद उनका नाम भी प्रधानमंत्री पद की रेस में आ गया है। चिदंबरम ने कई बार कांग्रेस को संकट से उभारा है। जिसकी वजह से वो सोनिया गांधी और कांग्रेस के विश्वासनीय कार्यकर्ता बन चुके हैं। अगर कांग्रेस चिदंबरम पर प्रधानमंत्री का दांव खेलती है तो भी कांग्रेस को मनमोहन सिंह के बाद एक मजबूत पीएम मिल सकता है।

हालांकि चिदंबरम का नाम अखबार में आने के बाद उन्होंने सफाई दी थी कि पीएम पद के लिए उनकी ऐसी कोई मंशा नहीं है। उन्होंने कहा कांग्रेस को मजबूत करने के लिए हम काम कर रहे हैं और मैं जहां हूं वहीं ठीक हूं।

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